इस्कॉन या अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ को “हरे कृष्ण आन्दोलन” के नाम से भी जाना जाता है। इसे 1966 में अमेरिका के न्यूयॉर्क नगर में भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद ने प्रारम्भ किया था। 1965 में, सत्तर वर्ष की आयु में, श्रील प्रभुपाद ने एक मालवाहक जहाज पर सवार होकर न्यूयॉर्क शहर की यात्रा की, जहाँ उन्होंने अपने गुरु की आज्ञानुसार इस्कॉन संस्था की स्थापना की।
इस्कॉन का उद्देश्य लोगों में कृष्ण भावनामृत का प्रचार करना तथा जीवन में मूल्यों के असंतुलन को रोकने और दुनिया में वास्तविक एकता और शांति प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर समाज में आध्यात्मिक ज्ञान का व्यवस्थित रूप से प्रचार करना और सभी लोगों को आध्यात्मिक जीवन की तकनीकों में शिक्षित करना है। देश-विदेश में इस्कॉन के अनेक भव्य मंदिर और वैदिक विद्यालय है।
इस वर्ष इस्कॉन नोएडा मन्दिर की दसवीं वर्षगांठ ब्रह्मोत्सव के रूप में मनाई गयी । दस वर्ष पूर्व, 2014 में नित्यानन्द त्रयोदशी के दिन ही इस्कॉन नोएडा मन्दिर में श्री श्री राधा गोविन्द देव, श्री श्री जगन्नाथ बलदेव सुभद्रा एवं श्री श्री गौर निताई का आविर्भाव हुआ था।
इस्कॉन नॉएडा मंदिर सेक्टर 56 के एक छोटे से घर से प्रारम्भ हुआ तथा सेक्टर 31 से होते हुए अंततः सेक्टर 33 में स्थानांतरित किया गया। इस मंदिर को बनकर तैयार होने में कुल 11 वर्ष का समय लगा तथा हजारो लोगो ने इस मंदिर को बनाने में तन मन धन से सहयोग दिया।
दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में रविवार 18 फरवरी 2024 से रविवार 25 फरवरी 2024 तक 8 दिवसीय ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवधि में विभिन्न सांस्कृतिक तथा धार्मिक समारोहों का आयोजन किया गया |
रविवार, दिनाँक 18 फरवरी 2024 को शोभा यात्रा का आयोजन किया गया था जिसमे पूरी यात्रा में हरिनाम संकीर्तन हुआ तथा बच्चों की झांकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। यात्रा के मध्य सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
बुधवार, 21 फरवरी 2024 को सांय 5 बजे से मन्दिर के हॉल में विष्वक्सेन पूजा, राधा गोविन्द देव पालकी यात्रा एवं आदिवास अनुष्ठान का आयोजन किया गया। पालकी यात्रा के अंतर्गत श्री श्री राधा गोविन्द देव के उत्सव विग्रहों को सुन्दर सुसज्जित पालकी में बिठाकर मन्दिर के चारों ओर भ्रमण कराया गया।
बृहस्पतिवार, 22 फरवरी 2024 को नित्यानन्द त्रयोदशी के दिन प्रात: 9 बजे यज्ञ एवं कलश स्थापना की गयी। सांय 5 बजे श्री श्री राधा गोविन्द देव का पञ्च गव्य अभिषेक ,परम पूज्य लोकनाथ स्वामी महाराज द्वारा प्रवचन, भगवान की महाआरती इत्यादि मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे।
शनिवार, 24 फरवरी 2024 सांय 6 बजे से 8 बजे तक मन्दिर के ऑडीटोरियम में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें भगवान की लीलाओं से सम्बन्धित कथाओं का नाट्य मंचन हुआ।
रविवार, 25 फरवरी 2024 को आज प्रात: 8 बजे से प्रात: 9:30 बजे तक इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद के देश विदेश से आए हुए वरिष्ठ शिष्यों, विशेष रूप से अमेरिका से आये हुए प्रभुपाद के निजी शिष्य श्रीमन वैयासिकी प्रभु एवं मुकुंद दत्त प्रभु ने उपस्थित भक्त समुदाय को अपना आशीर्वचन दिया।
तत्पश्चात प्रात: 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक अनवरत कीर्तन मेला आयोजित किया जिसमें देश विदेश से आए हुए विभिन्न भक्तों द्वारा हरे कृष्ण का अखण्ड सुमधुर कीर्तन किया गया। दोपहर 12:30 बजे श्री श्री राधा गोविन्द देव जी का 10 क्विंटल विशेष पुष्पों से पुष्प अभिषेक किया गया। सांय 7 बजे श्री भगवान की विशेष झूलन यात्रा एवं दीपोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें भक्तो द्वारा 10000 दीपक प्रज्ज्वलित किए गए। पूरे दिन भर इस्कॉन की फूड फॉर लाइफ योजना के अन्तर्गत सभी को प्रसादम वितरित किया गया ।
कुल मिलाकर यह ब्रह्मोत्सव अत्यंत उल्लासपूर्वक एवं उत्साहपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, पूरे उत्सव में 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान का दर्शन एवं प्रसाद प्राप्त किया ।