नोएडा: फोनरवा के चुनाव में मुद्दे तो वाजिब है!

नोएडा। अत्याधुनिक शहर नोएडा की बड़ी संस्थाओं में से एक फोनरवा के चुनाव के लिए मतदान 7 जनवरी को होगा है। पिछले दो दशकों से सक्रिय इस संस्था में इस बार चुनाव सबसे रोचक होने जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह सेक्टर 61 आरडब्ल्यूए के महासचिव और वरिष्ठ समाजसेवी राजीव चौधरी बन गए हैं। राजीव चौधरी ने अपने घोषणा पत्र में जो मुद्दे उठाए हैं उससे नोएडा के आरडब्ल्यूए और तथाकथित राजनीतिक मठाधीशों में खलबली मच गई है। दरअसल इस बार फोनरवा के चुनाव को संपन्न कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की है। जिला समाज कल्याण अधिकारी एसबी सिंह सहित तीन सरकारी अधिकारी चुनाव को संपन्न करने के लिए चुनाव अधिकारी के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इसलिए चुनाव में किसी भी तरह के दवाब की संभावना से जानकार इनकार कर रहे हैं। चुनाव में कुल 43 पदाधिकारी चुनाव मैदान में हैं। सोशल मीडिया पर इस चुनाव का जमकर प्रचार हो रहा है।
इस चुनाव में परिणाम क्या होगा ये तो अभी भविष्य के गर्त में छिपा है लेकिन इस चुनाव को कई पदाधिकारी जातिवाद का चोला ओढ़कर भी लड़ते हुए दिख रहे है। 227 वोटरों में सबसे अधिक ब्रह्मण मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर वैश्य वोट माने जा रहे हैं। यदि ओबीसी वोटरों की बात करे तो इनकी संख्या भी खासी है। राजीव चौधरी ने इस बार चुनाव में जितने के बाद माला नहीं पहनने का दावा अपने बयानों में किया है। इसके अलावा वे जीतने पर भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने के लिए एक इंजिनियर और एक्सपर्ट का विशेष दल स्थापित करने की बात भी कर रहे हैं। राजीव का मानना है फोनरवा को फेडरेशन ही रहने दे इसका राजनीतीकरण ना करें यानि नेताओ की ड्योढ़ी पर माथा टेकने से परहेज करें।
शहर वासियों का एक समूह ऐसा है जो इस तरह की व्यवस्था का हिमायती है। देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में 227 वोटर किस आधार पर वोट करेंगे। इसके लिए हमें और आपको 7 जनवरी तक का इंतजार करना होगा। चुनाव अधिकारी शैलेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि चुनाव पूरे नियमों के साथ होगा। मतदान के दिन सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।