Ajay Singh
Noida I आधुनिक शहर नोएडा में सुरक्षा के लिए सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा हैl शहर में तकरीबन 82 स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का दावा नोएडा प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा हैl खास बात यह है कि इन स्थानों में इस शहर के एक भी गांव का नाम दर्ज नहीं हैl
गौरतलब है कि 1976 में उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा शहर की स्थापना करने के लिए एक विशेष कानून को ईजाद किया। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास अधिनियम 1976 के तहत नोएडा की स्थापना की गई है । यहां के 81 गांव की किसानों की उपजाऊ जमीन को नोएडा प्राधिकरण ने एक्वायर किया और उस पर इस शहर का निर्माण किया। यहां के ग्रामीण की जमीन के बदले उन्हें मुआवजे के साथ अन्य सुविधाएं देने की वकालत पिछले 40 वर्षों से की जा रही है। लेकिन अभी भी गांव को लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों के मानसिकता दोयम दर्जे की है। इस शहर में आज 50 लाख से अधिक लोग निवास करते हैं। डेढ़ सौ के करीब सेक्टर डेवलप हो चुके हैं। दुनिया के किसी शहर का व्यक्ति इस शहर में रहना अपनी शान समझता है । यहां की जमीन सोने के भाव हो गई है । इस अत्यधिक आधुनिक शहर में सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। इसको लेकर नोएडा प्राधिकरण द्वारा एक विशेष सेल का गठन किया गया है। जिसकी जिम्मेदारी इस शहर को सर्विलांस के जरिए कैमलों से जोड़कर रखने की है। यहां के 82 ऐसे स्थानों को कमरों के लिए तय किया गया है जहां भारी संख्या में लोगों का आवागमन रहता है लेकिन खास बात यह है कि जिन गांव की जमीन पर इस शहर की स्थापना की गई है। वे गांव इन 82 स्थान में शामिल नहीं है। यहां के एक भी गांव में कैमरे नहीं लगाए गए। जबकि शहर सुरक्षित रहे इसलिए यहां कमिश्नर व्यवस्था की गई है। इस शहर का बड़ा हिस्सा गांव में निवास करता है। इसका खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ ।
नॉएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रंजन तोमर द्वारा लगाई गई एक आरटीआई से प्राधिकरण की नीतियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कुछ अच्छी जानकारी इसके माध्यम से ज़रूर प्राप्त हुई तो साथ ही कुछ सुलगते मुद्दे भी खड़े हो गए हैं। नॉएडा प्राधिकरण से सवाल पूछा था की शहर की सुरक्षा हेतु प्राधिकरण ने कितनी जगह कैमरा लगाए हैं। इसके अलावा नॉएडा के 81 गाँवों में या उनके एंट्री एग्जिट पॉइंट पर कोई कैमरा लगाए गए हैं। इसके जवाब में नॉएडा प्राधिकरण कहता है की शहर में सर्वेलन्स के लिए 82 जगह कैमरा लगाए गए हैं और शहर में आने और जाने के 5 पॉइंटों पर भी 13 जगह कैमरा स्थापित किये गए हैं , किन्तु गाँवों में एक भी कैमरा स्थापित नहीं है।
गाँवों के साथ यहाँ भी सौतेला है व्यव्हार – एंट्री एग्जिट पर लगें कैमरा नॉएडा के गाँवों का प्रारूप पूर्ण रूप से बदल गया है , अब यहाँ लाखों की संख्या में आबादी रहती है , ऐसे में यहाँ चोरी , झगडे आदि बढ़ते जा रहे हैं , सदरपुर कॉलोनी , मामूरा , छलेरा ,भंगेल ,अट्टा आदि जैसे सघन आबादी वाले क्षेत्रों में गाँवों के मुख्य मार्गों और बड़ी ग्रामीण मार्केटों पर कैमरे लगाने से यहाँ की स्तिथि बेहद बेहतर हो सकती है , क्राइम का ग्राफ बेहद नीचे आ सकता है । व्यापारियों के साथ पिछले कई वर्षों में चोरी ,छिनैती जैसी घटनाएं कम होंगी ।
नोवरा सीईओ से यह मांग भी रखेगा की गाँवों के साथ भेदभाव न हो और शहर की तर्ज़ पर गाँवों में भी लगें कैमरा।
