अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत-यूएई के बीच मजबूत संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया बदलती वैश्विक व्यवस्था के साथ एक जटिल और अस्थिर चरण से गुजर रही है और ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और यूएई के बीच सहयोग और गहरा होगा।
यूएई के साथ भारत की व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से सोमवार को अबू धाबी पहुंचे जयशंकर ने भारत के गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा जब हम वैश्विक हालात पर विचार करते हैं तो हम पाते हैं कि ऐसा बहुत कुछ है, जो हम दोनों देशों को एक साथ खींचता है। भारत और यूएई के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते से व्यापार और निवेश बढ़े हैं। साथ ही स्थानीय मुद्रा व्यापार व्यवस्था और फिनटेक तंत्र ने एक नई दिशा दिखाई है।
इसके अलावा विदेश मंत्री ने मंगलवार को यहां रायसीना मिडिल ईस्ट के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने एक ‘एक्स’ पोस्ट में अपने इस संबोधन के बारे में लिखा पिछले दशक में भारत-मध्य पूर्व संबंधों के महत्वपूर्ण विस्तार पर प्रकाश डाला, जो मजबूत व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के बीच संबंधों से प्रेरित है। व्यापक हितों और बढ़ती क्षमताओं वाला भारत मध्य पूर्व को न केवल एक करीबी साझेदार के रूप में देखता है, बल्कि दुनिया से परे एक महत्वपूर्ण मार्ग के रूप में भी देखता है।
इससे पहले जयशंकर ने यूएई के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री अब्दुल्लाह बिन ज़ायद अल नाहयान के साथ व्यापक चर्चा की, जिस दौरान दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग बढ़ाने के साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति पर अपने विचार साझा किए।
जयशंकर ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा यूएई के राष्ट्रपति के राजनयिक सलाहकार अनवर मोहम्मद गर्गश से मिलकर अच्छा लगा। हमारी विशेष साझेदारी और इसकी आगे की प्रगति पर चर्चा हुई।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)