नोएडा के WTC IT/ITES प्रोजेक्ट के हजारों बायर्स और इन्वेस्टर्स अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। करोड़ों रुपये निवेश करने के बावजूद, उन्हें आज तक उनका हक नहीं मिला। बिल्डर आशीष भल्ला और उनकी कंपनी पर निवेशकों को धोखा देने के गंभीर आरोप हैं।
बायर्स का आरोप: 5000 करोड़ की ठगी, न्याय की लड़ाई जारी
बायर्स के मुताबिक, WTC नोएडा के आशीष भल्ला ने करीब 5000 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिससे 20,000 से अधिक बायर्स और इन्वेस्टर्स प्रभावित हुए हैं। इनका आरोप है कि भल्ला ने WTC USA से फ्रेंचाइजी ली, लेकिन असल में इस प्रोजेक्ट का उनसे कोई संबंध नहीं था। उच्च कमीशन के लालच में प्रॉपर्टी एजेंट्स ने इस प्रोजेक्ट को महंगे दामों पर बेचा, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
बायर्स का कहना है कि आशीष भल्ला किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करता और खरीदारों का पैसा अपनी शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर देता है। मामला रेरा, उपभोक्ता अदालत, हाईकोर्ट और एनसीएलटी तक पहुंच चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
भूटानी ग्रुप पर भी संदेह, एक और ठगी की साजिश?
बायर्स ने यह भी खुलासा किया कि अब भूटानी ग्रुप इस प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी खरीदकर एक और बड़ा घोटाला करने की योजना बना रहा है। आरोप है कि WTC नोएडा को ‘भूटानी अल्फातम’ में बदलने की कोशिश की जा रही है, जहां OC (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) भी नहीं मिला और कीमतें बाजार से ज्यादा मांगी जा रही हैं।
बायर्स ने रेरा, डीएम कार्यालय, पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन हर जगह सिर्फ वादे मिले, ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ADM, DCP और SHO से मुलाकात के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। रेरा कार्यालय में भी बायर्स को मुलाकात का समय नहीं दिया गया, जिससे उनके न्याय की उम्मीदें टूट रही हैं।
ईडी की छापेमारी, 3500 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने WTC नोएडा के 12 ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें 3500 करोड़ रुपये के अवैध दस्तावेज जब्त किए गए और सिंगापुर में फंड ट्रांसफर का खुलासा हुआ। जांच के आधार पर आशीष भल्ला को 7 दिन की रिमांड पर लिया गया है।
रेरा और प्रशासन से शिकायत के बाद भी नहीं मिली राहत, न्याय की आस में भटक रहे निवेशक
पीड़ित निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि बिल्डर माफिया आम जनता की मेहनत की कमाई लूट रहे हैं और सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार के कारण उन्हें न्याय नहीं मिल रहा।