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स्थायी टैलेंट निर्माण के दौर में भारत, हर क्षेत्र में कुशल भारतीयों की जरूरतः डॉ. जयशंकर

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को यहां ग्लोबल एक्सेस टू टैलेंट फ्रॉम इंडिया (जीएटीआई) कार्यक्रम में देश की मानव संसाधन क्षमताओं और वैश्विक स्तर पर उसकी बढ़ती भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत स्थायी टैलेंट निर्माण के दौर में है और विश्व के हर क्षेत्र में कुशल भारतीयों की जरूरत है।

उन्होंने भारतीय प्रतिभाओं को दुनियाभर से जोड़ने में विदेश मंत्रालय की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी महज राजनयिक संबंधों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया और भारतीय टैलेंट को आपस में जोड़ना भी है।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज भारत के पास केवल टैलेंट नहीं है, बल्कि उसे पूरी दुनिया में भेजने की क्षमता और जरूरत दोनों है। प्रवासी भारतीयों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि आज अमेरिका में भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और उद्यमी हैं, यूरोप व उत्तर अमेरिका में ब्लू कॉलर वर्कर्स और स्वरोजगार करने वाले लोग हैं, तो दुनिया के कई देशों में भारतीय वैज्ञानिक और शोधकर्ता भी योगदान दे रहे हैं।


विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार जयशंकर ने जर्मनी, जापान, इजरायल, मॉरीशस, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों का उदाहरण देते हुए बताया कि ये सभी भारतीय प्रतिभा को आकर्षित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा भारत अब स्थायी टैलेंट निर्माण के दौर में है और दुनिया के हर क्षेत्र में कुशल भारतीयों की जरूरत महसूस हो रही है। अगर हम अपने विकास की वर्तमान स्थिति को देखें तो दो सच्चाई सामने आती हैं। पहली यह कि हमने अतीत में अपनी मानव संसाधन क्षमता का पूरा उपयोग नहीं किया और दूसरी यह कि भारत अब दूसरे एशियाई देशों के रास्ते को कॉपी करके तेज़ी से विकसित नहीं हो सकता। हमारे विकास के रास्ते और जरूरतें अलग हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वर्कफोर्स को समकालीन युग में अधिक उत्पादक बनाने के लिए कौशल प्रशिक्षण, व्यावसायिक शिक्षा और पेशेवर तैयारी के प्रयासों की एक श्रृंखला शुरू की है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, इसका अधिकांश हिस्सा हमारे लोगों पर ही केंद्रित होगा। बता दें कि जीएटीआई एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य भारत से विदेशों में रोजगार पाने के लिए एक बेहतर और सक्षम माहौल तैयार करना है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)