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भारत ने यूएन में कहा- समुद्री सुरक्षा हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण

न्यूयॉर्क। भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) को बताया कि समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद निरोध उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव: वैश्विक स्थिरता के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना’ विषय पर एक उच्च स्तरीय यूएनएससी खुली बहस को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।

न्यूयॉर्क स्थित भारत के स्थायी मिशन ने हरीश के संबोधन की एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा की, जिसमें हरीश ने कहा भारत समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला करने को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए केंद्रीय मानता है। इसका दृष्टिकोण मजबूत रक्षा क्षमताओं, क्षेत्रीय कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और घरेलू बुनियादी ढांचे के विकास को संतुलित करता है। यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नए खतरों और भू-राजनीतिक बदलावों के जवाब में अपनी रणनीति विकसित करना जारी रखता है।

भारतीय राजदूत ने कहा भारत, जिसकी लंबी तटरेखा, व्यापक समुद्री समुदाय और सक्षम समुद्री सेना है, अपने हितों की रक्षा करने और उभरते खतरों से निपटने के लिए एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति के रूप में अपनी भूमिका को सक्रिय रूप से निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने और समुद्री युद्ध क्षमताओं, रणनीतिक योजना तथा शासन को बढ़ाने के लिए मजबूत क्षमता निर्माण पहल कर रहा है।

समुद्री डकैती से निपटने के लिए भारत के प्रयासों का हवाला देते हुए भारतीय राजनयिक ने कहा भारत ने पश्चिमी अरब सागर में 35 से अधिक नौसैनिक जहाजों को तैनात किया है और 1 हजार से अधिक बोर्डिंग ऑपरेशन किए हैं, साथ ही 30 से अधिक समुद्री डकैती से जुड़ी घटनाओं का जवाब दिया है और विभिन्न राष्ट्रीयताओं के 520 लोगों की जान बचाई है। इसके अतिरिक्त, भारत ने 312 व्यापारिक जहाजों को सुरक्षित किया और अरबों डॉलर के माल की सुरक्षा भी की।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)