लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेशभर में लाखों स्कूली छात्र-छात्राएँ आकस्मिक दुर्घटनाओं और गंभीर बीमारियों के समय समुचित इलाज से वंचित रह जाते हैं। आर्थिक तंगी के चलते अधिकांश अभिभावक महंगा उपचार नहीं करा पाते, जिससे बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों प्रभावित होते हैं।
इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता आशीष तिवारी ने योगी सरकार से मांग की है कि प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अनिवार्य “छात्र सुरक्षा बीमा योजना” तत्काल लागू की जाए।
उन्होंने कहा कि यह योजना बच्चों और उनके परिवारों के लिए जीवनरक्षक कवच साबित होगी।
इससे मिलने वाले प्रमुख लाभ
1. प्रत्येक छात्र-छात्रा को न्यूनतम वार्षिक बीमा कवर (₹50,000 से ₹1,00,000 तक) मिलेगा।
2. दुर्घटना या गंभीर बीमारी की स्थिति में उपचार का खर्च बीमा से वहन होगा।
3. अभिभावकों को आर्थिक सुरक्षा और बच्चों को पढ़ाई जारी रखने का आश्वासन मिलेगा।
4. सरकार की “सबका साथ, सबका विकास” की नीति वास्तविक रूप से ज़मीन पर उतर सकेगी।
आशीष तिवारी ने सरकार से मांग करते हुए कहा, जब किसानों और श्रमिकों के लिए बीमा योजनाएँ संचालित हो सकती हैं, तो भविष्य के कर्णधार, देश का भविष्य, भारत की युवा पीढ़ी, यानी आज के छात्रों को इससे क्यों वंचित रखा जाए?
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को लिखे पत्र के माध्यम से मांग की है कि इस योजना की घोषणा कर छात्रों और अभिभावकों को राहत दें। यह केवल कल्याणकारी कदम नहीं होगा बल्कि आने वाले चुनावों में सरकार के प्रति जनता का विश्वास भी मज़बूत करेगा।
आशीष तिवारी द्वारा जनहित में उठी यह मांग, अब योगी सरकार के लिए चुनौती बन गई है। देखना यह होगा कि प्रदेश सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर कब तक ठोस कदम उठाती है।