नोएडा में तीन दिवसीय 11 वें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिबल 2025 का भव्य समापन

इस बार का 11 वां ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिबल नॉएडा, 2025 डॉ संदीप मारवाह की अध्यक्षता में 24, 25 और 26 सितम्बर 2025 को मारवाह स्टूडियोज फिल्म सिटी नॉएडा के प्रांगण में बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया. इस महोत्सव का भव्य उद्घाटन 24 सितम्बर को हुआ जिसमें कोमोरोस संघ के महावाणिज्यदूत, एल गंजू, महावाणिज्यदूत, पनामा के राजदूत, अलोंसो कोरेया मिगुएल, फिलिस्तीन के राजदूत, अब्दुल्ला एम ए अबुशावेश, क्यूबा के राजदूत, जुआन कार्लोस मार्सन एगुइलेरा के अलावा प्रख्यात हिंदी लेखक नरेंद्र नागदेव, प्रख्यात अंग्रेजी लेखिका आभा अयंगर, अंग्रेजी के प्रख्यात उपन्यासकार तन्मय दुबे, प्रख्यात कवि, लेखक और आईएएस मुकुल कुमार मौजूद रहे और सेमिनार में चर्चा का विषय रहा “सोशल मीडिया के युग में क्या अभी भी पुस्तकों की आवश्यकता है?” इसके अलावा दोपहर के सत्र में प्रसिद्ध लेखिका प्रतिभा जौहरी और प्रख्यात कवियित्री निशा भार्गव की अध्यक्षता में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजित हुआ और आमंत्रित कवियों में डॉ. अवधेश तिवारी, उपेंद्र अर्पण, संकल्प जैन, डॉ. उषा श्रीवास्तव और डॉ. गीतिका चतुर्वेदी रहे.

शाम के सत्र में गीतकार शैलेन्द्र, साहिर लुधियानवी और मजरूह सुल्तानपुरी के गीतों को एक सांगीतिक कार्यक्रम में गुनगुनाया गया. जिसके विशिष्ठ अतिथि रहे लेखिका डॉ. अनुपमा भारद्वाज, कवि नीरज त्यागी, कवि डॉ. मनोज अबोध, प्रसिद्ध नृत्यांगना डॉ. अनु सिन्हा और कवयित्री गीतांजलि जादौन.

महोत्सव के दूसरे दिन भी पहले सत्र के विषय “साहित्य क्या है? और क्या कुछ जो लिखा जा रहा है वो साहित्य है” पर गंभीर चर्चा हुई और लेखिका, संपादक और शिक्षाविद् लक्ष्मी वल्लूरी, विचारक और लेखक डॉ. पी. के. राजपूत, लेखक और डिजिटल उद्यमी करण पुरी, प्रसिद्ध लेखक अवधेश सिंह, लेखक अरविंद मिश्रा, प्रसिद्ध लेखक पवन माथुर, प्रसिद्ध लेखक एवं रणनीति सलाहकार संजय चंद्रा के अलावा वेनेजुएला की राजदूत महामहिम कैपाया रोड्रिग्ज गोंजालेज मौजूद रहे. दिन के दूसरे सत्र में देश के जाने माने साहित्यकारों, कवि, लेखक एवं शोधकर्ताओं को सूरज प्रकाश मारवाह साहित्य रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया जिनमें प्रसिद्ध लेखक पवन माथुर, अवधेश सिंह, प्रोफेसर डॉ. दिवाकर गोयल, अरविन्द मिश्र, डॉ. सविता चड्ढा, सुक्षम लता महाजन, डॉ. शैलबाला अग्रवाल, मीनाक्षी जोशी, सुभाष नीरव, ओम सप्रा, लेखिका एवं शोधार्थी डॉ. अमित कौर पुरी को सम्मानित किया गया. इस मौके पर पूर्णिमा राय, प्रख्यात लेखिका, मीडिया सलाहकार, डॉ. उपेंद्र नाथ रैना, प्रख्यात लेखक, डॉ. संजीव पटजोशी, आईपीएस एवं और महामहिम कार्लिटो नून्स, तिमोर लेस्ते के राजदूत की उपस्थिति रही.
शाम के सत्र के मुशायरे में आमंत्रित शायर थे एडमिरल (डॉ.) खुर्रम नूर, कवि (मॉडरेटर), सैयद नज़म इक़बाल, फरीद अहमद फरीद, जफर कानपुरी, शरफ नानपारवी और शायरा रचना भाटिया रहे. और विशिष्ठ अतिथियों में शायर रेहान अब्बास, लेखिका ममता सोनी और कवियित्री रजनीश गोयल ने शिरकत की.

तीसरे और अंतिम दिन के पहले सत्र में विषय था “राष्ट्रीय अस्मिता में साहित्य की भूमिका” और इस पर चर्चा करने के लिए देश के नामचीन विद्वानों को आमंत्रित किया गया था. जिनमें प्रख्यात लेखिका सोना शर्मा, प्रख्यात कथा लेखिका, वंदना राग, प्रख्यात लेखक रवि वल्लूरी, प्रख्यात लेखक विवेक मिश्र, ऑस्ट्रिया दूतावास के सांस्कृतिक निदेशक माइकल, बांग्लादेश उच्चायोग के प्रेस मंत्री फैसल महमूद और प्रख्यात लेखक डॉ. उमापति दीक्षित, विभागाध्यक्ष, सायंकालीन कार्यक्रम विभाग, केंद्रीय हिंदी संस्थान (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) दोपहर के सत्र में “अटल बिहारी अवार्ड फॉर द प्रमोशन ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर” सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें के वरिष्ठ साहित्यकारों और कलाकारों को सम्मानित किया गया जिनमें देश प्रख्यात कलाकार जतिन दास (पेंटिंग कला) रूप नारायण बाथम (कला) डॉ. उमापति दीक्षित (साहित्य) अवतार साहनी (नाट्यकला) सिद्धार्थ, (पेंटिंग कला) पं. प्रोसेनजीत पोद्दार (संगीत) प्रोफेसर (डॉ.) रमेश चंद्र गौड़ ( कला प्रचार) अनुपम भटनागर (कला प्रचारक) गुरु मीनू ठाकुर (नृत्य) डॉ. रमा ( साहित्य एवं शिक्षाविद्) अतासी मिश्रा (नृत्य एवं लोक कला ) इस विशेष अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सुजीत कुमार मिश्रा, महासचिव, भारत निर्वाचन आयोग, प्रख्यात लेखक डॉ. प्रेम भारद्वाज ‘ज्ञानभिक्षु’ डॉ. बी. एल. गौर, लेखिका उषा किरण, महामहिम महावाणिज्य दूत, पलाऊ के डॉ. नीरज ए. शर्मा मौजूद रहे।

इस साहित्यिक महोत्सव के अंतिम सत्र में साहित्यिक थीम पर एक “फैशन शो” का आयोजन हुआ जिसके विशिष्ट अतिथियों में डॉ राखी अग्रवाल, नीलम बेरी, मिती बग्गा, निति छाबरा और प्लाव के महामहिम राजदूत नीरज शर्मा मौजूद रहे.

बता दें की  और उनकी विचारधारा से महोत्सव के निदेशक सुशील भारती ने उपस्थित दर्शकों को परिचित कराया गया. इस महोत्सव में 6 पुस्तकों का विमोचन किया गया जिनमें महामहिम जुआन एंटोनियो मार्च पुजोल द्वारा लिखित “द ग्रेट रीसेट” सुश्री श्रेया कत्याल द्वारा डॉ संदीप मारवाह के जीवन पर आधारित लिखित पुस्तक – “अनंतता की राह पर”, सुशील भारती द्वारा संकलित 62 प्रख्यात कवियों की पुस्तक “भावरंग” और साहित्य का बदलता स्वरूप विषय पर संकलित लेख की 45 लेखकों की पुस्तक “साहित्य, समय और दिशा” मीनाक्षी जोशी की पुस्तक “दुनिया के देखे रंग हज़ार” और सोमिल पांडे (एएएफटी पूर्व छात्र) की पुस्तक “द मून इज़ आल्सो अलोन” का विमोचन किया गया.

इसके अलावा नुक्कड़ नाटक, चित्रकला और फोटोग्राफी की प्रदर्शिनियों का भी आयोजन किया गया और तीन दिन की महोत्सव की ख़बरों का “न्यूज़ लैटर” भी तैयार किया गया और मंच से विमोचित किया गया. महोत्सव के तीनों दिन साहित्यक लेखन पर कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर इस महोत्सव के अध्यक्ष डॉ संदीप मारवाह ने कहा कि “साहित्य अपनी राष्ट्र की संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने का सबसे सशक्त माध्यम है इसलिए नवलेखन पर विशेष धयान देने की ज़रुरत है”

इस साहित्यिक महोत्सव के निदेशक श्री सुशील भारती ने सभी आमंत्रित अतिथियों, प्रबुद्ध जनों और जनसमूह को इस महोत्सव में शामिल होने के लिए तीनों दिन धन्यवाद् ज्ञापन भी पेश किया.