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भारत-अफ्रीका के बीच अटूट मित्रता और गहरी एकजुटताः डॉ. जयशंकर

नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को यहां आयोजित अफ्रीका दिवस 2025 समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका के बीच ‘अटूट मित्रता’ और ‘गहरी एकजुटता’ है और नई दिल्ली अफ्रीका के विकास, समृद्धि एवं प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्री ने साझा मूल्यों, ऐतिहासिक संबंधों और आपसी विकास लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को ‘वास्तव में विशेष’ बताया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा हमारा रिश्ता, हमारा जुड़ाव, हमारी सहानुभूति वाकई खास है। भारत अफ्रीका के विकास, समृद्धि और प्रगति के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ग्लोबल साउथ के भागीदार के रूप में भारत वैश्विक संस्थाओं और विमर्श में अफ्रीका के लिए एक बड़ी आवाज की पुरज़ोर वकालत करता है। हम मिलकर अफ्रीकी प्राथमिकताओं को साकार करने के उद्देश्य से सहयोग का एक समकालीन एजेंडा तैयार करेंगे।

जयशंकर ने भारतीय बाजार को खुला रखकर, अफ्रीका के विकास में सहायता के लिए डिजिटल क्रांति के साथ अनुभव साझा करके, सार्वजनिक सेवाओं की आपूर्ति में सुधार करके और सभी देशों के लाभ के लिए महासागरों को खुला एवं मुक्त रखने के लिए अफ्रीकी देशों के साथ काम करते हुए संपूर्ण अफ्रीका के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

ग्लोबल साउथ पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका इसके स्तंभ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग इसकी प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हैं, वे इसे नहीं समझते हैं। उन्होंने अफ्रीका के बढ़ते परिवर्तन का भी उल्लेख किया और अफ्रीकी संघ को पूर्ण सदस्यता प्रदान करने के लिए जी20 की अध्यक्षता के दौरान भारत के समर्थन की पुष्टि की।

उन्होंने अफ्रीकी देशों को स्वास्थ्य उपकरण, एम्बुलेंस, जयपुर फुट कृत्रिम अंग और खाद्यान्न सहित भारत की 70 करोड़ अमेरिकी डॉलर की अनुदान सहायता पर प्रकाश डाला, जो जरूरत के समय में भारत की स्थायी साझेदारी को दर्शाता है। जयशंकर ने कोविड19 महामारी के दौरान वैक्सीन रंगभेद तथा यात्रा प्रतिबंधों की आलोचना की, जिसने अफ्रीका को बुरी तरह प्रभावित किया था। उन्होंने खाद्य, स्वास्थ्य और ऊर्जा सुरक्षा में साझा चुनौतियों का समाधान करने के लिए मजबूत वैश्विक साझेदारी की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)