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भारतीय मिशनों ने दुनियाभर में धूमधाम से मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

नई दिल्ली। देश के विभिन्न स्थानों के साथ ही दुनियाभर में 21 जून को 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। अमेरिका से लेकर रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, कतर, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के अलग-अलग शहरों में हजारों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया और भारत की इस प्राचीन विद्या को सम्मान दिया। न्यूयॉर्क और जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में भी विशेष योग शिविर लगाए गए, जिनमें भारतीय मूल के लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इस दौरान दुनियाभर में स्थित भारतीय मिशनों ने विशेष योग सत्र आयोजित किए, जहां हजारों लोगों ने योग विशेषज्ञों से योग के नायाब गुर सीखे। योग दिवस के मौके पर न्यूयॉर्क के विख्यात टाइम्स स्क्वायर पर सैकड़ों लोग एकजुट हुए और योग को अपनी जीवनशैली में उतारने का संकल्प लिया। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग गुरु दीपक चोपड़ा ने ध्यान सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें 1,200 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने कहा कि इस वर्ष की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ है, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को दर्शाती है। लंदन में महाराजा चार्ल्स तृतीय का विशेष संदेश पढ़ा गया।

चीन में बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में योग प्रतियोगिता आयोजित हुई। 

दक्षिण सुडान के जुबा में स्थित भारतीय दूतावास में आयोजित योग दिवस का जश्न वाकई प्रेरणादायक रहा, जहां भारतीय समुदाय के सदस्यों और दक्षिण सूडानी नागरिकों के साथ ही यूएन मिशन के पीसकीपर्स ने भाग लिया।

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव 193 देशों के समर्थन के साथ 11 दिसंबर 2014 को पारित हो गया। इसके बाद 2015 से हर साल इस दिन को दुनिया भर में योग के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक योग ने वैश्विक एकता, शांति और स्वास्थ्य का संदेश पूरी दुनिया को दिया। यह महज व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है जिसे दुनिया अब अपनाने लगी है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)